गणतंत्र दिवस का इतिहास:
गणतंत्र दिवस कि भारत में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में एहम भूमिका है। यह प्रति वर्ष २६ जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् १९५० में भारत का संविधान बनाया गया था जबकि भारत को आजादी १५ अगस्त १९४७ को ही मिल गयी थी। इसके बाद ही भारत को सही मायनों में आत्मा कि आजादी, नियम और कानून मिले। डॉ राजेंद्र प्रशाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।आजादी पाने के बाद देश को नियंत्रित करने के लिए कुछ कानूनों कि जरुरत थी जिसके लिए ९ दिसम्बर १९४६ को एक मीटिंग बुलाई गयी तथा डॉ भीमराव अम्बेडकर को संविधान बनाने कि जिम्मेदारी सौपी गयी। इसके बाद कई देशो जैसे इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका, आदि के संविधान से प्रेरणा लेकर इस सबसे बडे संविधान कि रचना हुई। संविधान मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में लिखा गया था। जिसमे सभी नागरिको को वोट करने के अतिरिक्त बहुत सारे अधिकार दिए गए। इसके बाद हिन्दी तथा अंग्रेजी को भारत कि अधिकृत भाषा सभी सरकारी कामो के लिए चुना गया।
गणतंत्र दिवस कि परेड:
गणतंत्र दिवस कि विशाल परेड हर साल देश कि राजधानी दिल्ली में आयोजित होती है। यह आठ किमी लंबी परेड राय सेना हिल जो कि राट्रपति भवन के पास है, से राजपथ होती हुई इंडिया गेट तथा फिर लाल किला से जाती है। इस परेड में भारत कि तीनो सेनाये आपने लाव लश्कर के साथ शामिल होती है। प्रधान के अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पण के बाद इसकी शुरुवात होती है। भारत के राट्रपति जो कि तीनो सेनायों के मुखिया है, सेना कि सलामी लेने के बाद राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण करते है तथा राष्ट्रीय गान का संगीत बजाय जाता है। यह परेड भारत के विभिन्न रंगो कि झांकी दिखाती है।इस महान परेड के बाद राट्रपति द्वारा भारत के सबसे बडे वीरता पुरुस्कारों परम वीर चक्र, वीर चक्र, महा वीर चक्र तथा भारत रतन और पदम विभुसन का सम्मान दिया जाता है।गणतंत्र दिवस भारत के सभी राज्यों में भी मनाया जाता है जहाँ पर राज्य के राज्यपाल राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण करते है।
गर्व से कहो " मेरा भारत महान "
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